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धरती फिर कांपी: दिल्ली-NCR से बिहार तक महसूस हुए भूकंप के झटके, तिब्बत में भारी तबाही

धरती फिर कांपी: दिल्ली-NCR से बिहार तक महसूस हुए भूकंप के झटके, तिब्बत में भारी तबाही

(रितु वर्मा डिजिटल ऐडिटर)
नई दिल्ली।देश की राजधानी एनसीआर में आज मंगलवार सुबह 6:35 बजे जब लोग अपने दिन की शुरुआत कर रहे थे, तभी धरती ने जोरदार करवट ली। दिल्ली-NCR, बिहार, पश्चिम बंगाल, और उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई, जिसका केंद्र तिब्बत के शिजांग क्षेत्र में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।

तिब्बत में तबाही, भारत में राहत

भूकंप ने तिब्बत में भारी तबाही मचाई है। अब तक 32 लोगों के मारे जाने और 38 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। सैकड़ों घर और इमारतें धराशायी हो गईं। वहीं, नेपाल, भूटान और भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी भूकंप का असर देखा गया। हालांकि, भारत में अब तक किसी बड़े जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।

दिल्ली-NCR में दहशत

राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में सुबह-सुबह भूकंप के झटकों ने लोगों को डर के साये में ला दिया। कई लोग घरों से बाहर निकल आए और खुले स्थानों की ओर भागे। झटके इतने तेज थे कि इमारतों में लगी खिड़कियां और दरवाजे हिलने लगे। ऑफिस और स्कूल के लिए तैयार हो रहे लोग सहम गए।

भूकंप का विज्ञान: क्यों हिलती है धरती?

धरती की सतह 7 प्रमुख और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है, जो लगातार हिलती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या खिसकती हैं, तो सतह के नीचे दबाव पैदा होता है। यह दबाव जब अधिक हो जाता है, तो ऊर्जा बाहर निकलती है, और यही भूकंप के रूप में महसूस होती है।

भारत में भूकंप की संवेदनशीलता

भारत भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील क्षेत्र में आता है। उत्तर भारत, हिमालयी क्षेत्र, और उत्तर-पूर्वी राज्यों में टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल अक्सर महसूस की जाती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये क्षेत्र भविष्य में भी बड़े भूकंपों का केंद्र बन सकते हैं।

तिब्बत में राहत कार्य तेज

चीन के तिब्बत में राहत और बचाव कार्य जारी हैं। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, मलबे में अभी भी कई लोग दबे हो सकते हैं। राहत दल आधुनिक उपकरणों के साथ बचाव कार्य में जुटे हैं। कई गांवों का संपर्क टूट चुका है, जिससे राहत पहुंचाने में कठिनाई हो रही है।

नेपाल और भूटान में भी असर

नेपाल और भूटान में भूकंप के झटकों ने लोगों को भयभीत कर दिया। नेपाल के कुछ इलाकों में मकानों में दरारें आई हैं। भूटान के पर्वतीय क्षेत्रों में झटकों के कारण भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं।

क्या करें जब आए भूकंप?

1. खुले स्थान पर जाएं: सुरक्षित स्थान पर जाने की कोशिश करें।
2. मजबूत चीजों के नीचे छिपें: अगर बाहर नहीं जा सकते, तो किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे छिपें।
3. लिफ्ट का इस्तेमाल न करें: भूकंप के दौरान सीढ़ियों का प्रयोग करें।
4. गैस, बिजली, और पानी बंद करें: संभावित दुर्घटनाओं से बचने के लिए।
5. सतर्क रहें: आफ्टरशॉक्स आने की संभावना बनी रहती है।

सरकार ने जारी की चेतावनी

भारत सरकार और राज्य प्रशासन ने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। भूकंप प्रभावित इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है। लोगों को आपातकालीन किट तैयार रखने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।

तिब्बत में जिंदगी पटरी से उतरी

भूकंप ने तिब्बत में जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। स्कूल और दफ्तर बंद हैं, और हजारों लोग अस्थायी शिविरों में शरण ले रहे हैं। स्थानीय अस्पतालों में घायलों की भीड़ है। राहत कार्यों में सेना भी जुट गई है।

भविष्य की चेतावनी

वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेट्स की बढ़ती गतिविधि बड़े भूकंपों का संकेत दे रही है। भारत और उसके पड़ोसी देशों को आने वाले समय में और भी भूकंपों के लिए तैयार रहना होगा।

भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं है। हालांकि, जागरूकता और सतर्कता के जरिए इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। यह घटना एक बार फिर हमें सिखाती है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।

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