
मेरी स्याही धूल का रंग तारा मां ने
आशीवादों की लड़ी से सजाया
नक्षत्र मेरी झोली के आंचल बांधा
अक्षरों को सूरज की किरणों से
अस्तित्व रेखा ब्राह्मणी दर्शाया
स्वप्न सुंदर सलोना दुनिया सजाया
खगोलीय घटना वसुंधरा जादू में
लिख दी पात्तियां मेरी किस्मत के नाम
भक्ति में विधाता माध्यम जीवन
मैं धूल पर आशाओं ने धूमिल किया
प्रचुरता यक्षिणी ताकत अमित सौंदर्य
बिंदु से अक्षर शब्द समूह अंकित किया
विचार का उच्च अभिमंत्रित जादुई पिटारा
रहस्य जन्म तारा अद्भुत पोषित हुआ
आकाश की नीली स्याही प्रेम प्रबलता
बरसाया हर्षया कमल पुष्प महाकाया।
अंजलि सक्सेना ….प्रबल
नवीन मुंबई….. महाराष्ट्र।