मेडिकल कॉलेज में भी उपलब्ध होगी ऑर्गन ट्रांसप्लांट की नियमित सुविधा : शेखावत*
– केंद्रीय मंत्री बोले, एमडीएम अस्पताल में प्रसूति विभाग के पास कॉटेज वार्ड का प्रयास
– कहा, मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के लिए एम्स में 100 करोड़ से रहवासीय कॉम्प्लेक्स की सुविधा मिलेगी
जोधपुर अरुण माथुर : केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सांसद सेवा केंद्र में जोधपुर एम्स और डॉ.एस.एन. मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के साथ विशेष बैठककर चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। केंद्रीय मंत्री ने जोधपुर के डॉ. एस.एन. मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था नियमित रूप से उपलब्ध कराने और एमडीएम अस्पताल के प्रसूति विभाग के समीप कॉटेज वार्ड की सुविधा सहित चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर विस्तार से चर्चा की।
शेखावत ने जोधपुर एम्स में 100 करोड़ की लागत से एक आवास बनाने के कार्य की भी समीक्षा की। जोधपुर एम्स में मरीजों के साथ आए परिजनों को रहने की दिक्कत होती है। उनके रहने की पूरी व्यवस्था की जाएगी, इसके लिए समाजसेवी डीमार्ट के दमानी ने 100 करोड़ रुपए उपलब्ध कराने की सहमति दी है।
शेखावत ने बताया कि आज डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज की टीम और एम्स की टीम को साथ बैठाकर चिकित्सा व्यवस्थाओं में सुधार और सुविधाओं को अपग्रेड करना पर विस्तार से चर्चा हुई है। जोधपुर एम्स के मार्गदर्शन में एस.एन. मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन ट्रांसप्लांट किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हो सके, इसके लिए आज एक वार्ता सफलता के साथ पूरी कराई है। मेडिकल कॉलेज में भी किडनी ट्रांसप्लांट करने की प्रक्रिया नियमित रूप से चलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमडीएम अस्पताल के महिला एवं प्रसूति रोग विभाग के पास में कॉटेज वार्ड की सुविधा नहीं है। उम्मेद अस्पताल में बहुत सारे कॉटेज ऐतिहासिक रूप से बने हुए, लेकिन एमडीएम में सुविधा न होने के कारण से हमारी प्रसूता माता को निश्चित रूप से उसके कार्य से तकलीफ का सामना करना पड़ता है। शेखावत ने बताया कि हमने सीएसआर फंड में कुछ पैसा एकत्रित किया है। प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज डॉ. बी.एस. जोधा के साथ बैठक करके वहां 20 कॉटेज वार्ड निर्मित करने की रूपरेखा तैयार की है। साथ ही, जोधपुर एम्स में आने वाले समय में नया विस्तार करने, नई फैकल्टी के सृजन और उसके साथ-साथ में जोधपुर में कैंसर ट्रीटमेंट का एक हब बने इसको लेकर भी आज एक रूपरेखा तय की है।
शेखावत ने कहा कि एम्स अस्पताल में 100 करोड़ रुपए की लागत से एक रहवासीय कॉम्प्लेक्स का प्रस्ताव है। मरीज और उनके साथ आए रिश्तेदारों के लिए एक आवास गृह की सुविधा बनाई जाए। ऐसे मरीज जिसको एक बार डिस्चार्ज करने के बाद ट्रीटमेंट के लिए दोबारा बुलाते आते हैं। उनके पास में आवास का बड़ा संकट होता है। ऐसे मरीजों को पांच- छह दिन बाद में वापस दिखाना होता है। ऐसे लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए समाजसेवी डीमार्ट के दमानी जी से अनुरोध किया था। एम्स परिसर में जमीन देकर के 100 करोड़ रुपए की लागत से रहवासीय कॉम्प्लेक्स बनाने पर विस्तार से चर्चा हुई है। इसके लिए दमानी जी ने सहमति जताई है।