
सोशल मीडिया पर सपा के विचारों की अभिव्यक्ति देख सभ्य समाज महसूस करता है लज्जाः मुख्यमंत्री
*बोले- निरंतर मुख्यमंत्री आवास पर हो रहा है गुरुवाणी का पाठ*
*लखनऊ, 24 फरवरीः* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बजट सत्र के पांचवें दिन महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत गंभीर चर्चा है। इसमें सत्ता पक्ष से जुड़े 98 और प्रतिपक्ष के 48 (कुल 146 सदस्यों) ने चर्चा में भाग लिया है। सीएम ने कहाकि नेता प्रतिपक्ष समाजवादी से सनातनी हो गए हैं। स्वभाव के विपरीत उन्होंने अपने सदस्यों को टोका भी। स्वागतयोग्य है कि आपने इस विषय को समझा और महत्व देकर सम्मान का भाव प्रकट किया। सीएम ने सपा के सोशल मीडिया सेल के हैंडल के जरिए उन पर प्रहार किया।
सोशल मीडिया पर सपा के विचारों की अभिव्यक्ति देख सभ्य समाज महसूस करता है लज्जा
मुख्यमंत्री ने पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दृश्य की चर्चा की। समाजवादी पार्टी के सदस्यों को इंगित करते हुए बोले कि आप संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं, लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे महानुभावों के प्रति आप लोगों का दृष्टिकोण क्या है, राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन के दृश्य देखकर इसका सहज अनुमान लगा सकते हैं। जो शोरशराबा, टिप्पणियां और राज्यपाल के प्रति व्यवहार किया जा रहा था, क्या वह संवैधानिक था। यदि ऐसा व्यवहार संवैधानिक है तो फिर असंवैधानिक क्या है। आप लोग भाषण बहुत देते हैं, लेकिन वास्तविक आचरण देखना है कि सपा सोशल मीडिया सेल का हैंडल देखिए। वह उनकी विचारधारा, आंतरिक शिष्टाचार, लोकतंत्र के प्रति उनके विचारों की अभिव्यक्ति का ऐसा माध्यम है, जिससे कोई भी सभ्य समाज लज्जा महसूस करता है। फिर भी आप दूसरों को उपदेश देते हैं।
*सीएम ने समझाया देव, दानव व महामानव का अंतर*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की टिप्पणी से बात का आगाज किया। उन्होंने बताया कि डॉ. राधाकृष्णन ने कहा कि मानव का मानव होना उपलब्धि है, मानव का दानव होना पराजय और मानव का महामानव होना उसकी विजय है। मानव, दानव व महामानव (देव) तीनों श्रेणी सदा रही है। मान्यता है कि महर्षि कश्यप की दो रानियां थीं। एक से देव व दूसरे से दानव हुए। सीएम ने कहा कि कर्म, आचरण, व्यवहार उन्हें उस श्रेणी में पहुंचाता है। सीएम ने देव, दानव व महामानव का अंतर बताया।