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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर केंद्र व राज्य सरकार को घोषित करना चाहिए था सार्वजनिक अवकाश : लाल बहादुर खोवाल

– पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर केंद्र व राज्य सरकार को घोषित करना चाहिए था सार्वजनिक अवकाश : लाल बहादुर खोवाल

– पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने हमेशा देश को विकास के पथ पर किया अग्रसर : लाल बहादुर खोवाल

हरियाणा/हिसार (गरिमा) : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट ने गहरा शोक जताया है। हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि प्रसिद्ध अर्थशास्त्री व देश के सच्चे सपूत का ऐसे चले जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने हमेशा देश को विकास के पथ पर अग्रसर किया। डॉ. मनमोहन सिंह ने देश हित के लिए सशक्त योजनाएं बनाई और उन्हें क्रियान्वित करके देश को अंतरराष्ट्रीय पटल पर अलग पहचान दिलवाई।

एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर केंद्र सरकार को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना चाहिए था ताकि उनमें गहरी आस्था रखने वाले सरकारी कर्मचारी व अधिकारी अंतिम यात्रा में शामिल हो पाते, लेकिन सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की। उन्होंने कहा कि सरकार ने सात दिन का राष्ट्रीय शोक तो घोषित किया है लेकिन इसके साथ-साथ राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा भी करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1997 में केंद्र सरकार द्वारा की गई अधिसूचना के अनुसार सरकार के अधिकार क्षेत्र में है कि वह चाहे तो सार्वजनिक छुट्टी घोषित कर सकती है। कार्यरत प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति अथवा पूर्व प्रधानमंत्री या पूर्व राष्ट्रपति का निधन होने पर केंद्र सरकार सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा कर सकती है। बदले हुए नियमों के अनुसार अब राज्य सरकारों को भी यह अधिकार दिया जा चुका है लेकिन हरियाणा सरकार ने भी कोई सार्वजनिक छुट्टी घोषित नहीं की। इसी प्रावधान के तहत वर्ष 2018 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु पर केंद्र सरकार व राज्य सरकारों ने अवकाश की घोषणा की थी। पंजाब में भी कांग्रेस की सरकार होते हुए भी एक दिन की सरकारी छुट्टी का ऐलान किया था।

एडवोकेट खोवाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थशास्त्री के रूप में अपने करियर की शुरूआत की। उन्होंने अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में कार्य करते हुए आर्थिक अनुसंधान और नीतियों पर काम किया। मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद पर कार्य करते हुए प्रमुख आर्थिक निर्णयों में विशेष योगदान दिया। आरबीआई के गवर्नर पद को सुशोभित करते हुए उन्होंने मौद्रिक नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में काम करते हुए उन्होंने देश की आर्थिक योजनाओं में योगदान दिया। देश का वित्त मंत्री बनकर उन्होंने अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए। 10 वर्ष तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करते हुए डॉ. मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, सूचना का अधिकार अधिनियम व भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते जैसे उल्लेखनीय कार्य किए। इसके साथ-साथ देश की बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का सराहनीय काम किया। ऐसी विभूति के निधन पर केंद्र सरकार व राज्य सरकार को सार्वजनिक छुट्टी घोषित करनी चाहिए थी तथा साथ ही केंद्र सरकार द्वारा समाधि स्थल के लिए भी उचित जगह उपलब्ध करवाई जानी चाहिए थी।

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