जोधपुर में शनिदेव की अदालत में लगती है नारियल के साथ अर्जी
-अरूण माथुर
सूर्यनगरी के नाम से प्रसिद्ध जोधपुर शहर की पहचान यहां के महलों और पुराने घरों में लगे छितर के पत्थरों से होती है। जिसमें घुमावदार गलियां जगमगाते बाजार, पारम्परिक भारतीय संगीत भोजन की मोहक सुगंध, सुंदर मुर्तियां और वास्तुशिल्प चमत्कारों की कभी ना खत्म होने वाली सूची शामिल है। इस प्रसिद्ध सूर्यनगरी के शानदार मंदिर अपनेपन की भावना के प्रतीक है यह स्थान दिव्य चामुण्डा माता, राजरणछोड़जी और रसिक बिहारी मंदिर से लेकर इस्काॅन मंदिर के बहुत ही सुखदायक हरे कृष्ण मंत्र तक सांस्कृतिक मूल्यों और मान्यताओं को समेटे हुए है।
जोधपुर के कुछ प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिर वास्तुकला के चमत्कारों से भरे पड़े है। इन सब चमत्कारित मंदिरों के बीच एक मंदिर है हनुमान शनिधाम। जहां मंदिर में एक नारियल पर चिट्ठी लिखकर रखने से मनोकामना पूरी हो जाती है। जोधपुर शहर के प्रताप नगर क्षेत्र में सदर पुलिस थाने के सामने स्थित हनुमान शनिधाम मंदिर के पीछे का रहस्य और यहां की कहानी बेहद ही रोचक व अकल्पनीय है। इस मंदिर में दूर दूर से भक्त अपनी अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए पहुंचते है। मंदिर की खासियत यह है कि यहां सूर्य पुत्र शनिदेव के अदालत में भक्त कष्ट निवारण करने व मनोकामना के लिए मिठाई या लड्डू पेड़ा नहीं चढ़ाते बल्कि शनिदेव को प्रसाद के रूप में अपना नाम लिख कर नारियल चढ़ाते है और कष्ट निवारण की शनिदेव से गुहार लगाते है।
शनिधाम में आने वाले भक्तों के मुताबिक नारियल चढ़ाने मात्र से उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है। पिछले कई सालों से लगातार यहां आने वाले भक्त बताते है कि शनिदेव की अदालत में जब कभी भी किसी भक्त ने कष्ट निवारण या फिर मनोकामना के लिए नारियल के साथ अर्जी लगाई है तो सूर्य पुत्र ने उनका कष्ट निवारण भी किया है। उनकी इस मंदिर को लेकर बेहद अटूट आस्था है। वे बताते है इस अनूठे शनिधाम में भगवान शनिदेव हाथी, घोड़ा और सिंह पर सवार है इन तीनों सवारी पर सवार शनिदेव भक्तों को मनवांछित फल देते है। भक्त इस मंदिर में अपनी मनोकामना नारियल में अर्जी लिख कर शनि देव को अर्पित करते है। शनिदेव उनकी अर्जी स्वीकार करते है और भक्तों को मनवांछित फल मिलता है।
इस हनुमान शनिधाम की स्थापना 30 साल पहले हुई थी तब से अब तक यहां हर रोज व शनिवार के दिन भक्तों की आस्था का सैलाब उमड़ा नजर आता है। साल भर में यहां लगभग डेढ से दो लाख रूपए तक नारियल चढ़ जाते है। मंदिर के पुजारी गोपाल महाराज बताते है कि भगवान शनिदेव की अदालत में जिन भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है उनके नारियल को छिल कर नारियल से निकले गोटे को हवन और नारियल की जुट का उपयोग औषधियां बनाने के काम में लिया जाता है। बाद में तैयार की गई औषधियों से मंदिर में बवासीर, पेचुटी, साईटिका, सर्वाईकल, अभिषेक किया हुआ दर्द निवारक तेल जिससे जोड़ों का, कमर का, घुटनों का सभी तरह के बीमारियों का निःशुल्क उपचार किया जाता है।
जोधपुर रेलवे स्टेशन से 4 कि.मी. दूर है यह धाम:
जोधपुर रेलवे स्टेशन से 4 कि.मी. दूर प्रताप नगर सदर पुलिस थाने के सामने स्थित हनुमान शनिधाम है। यहां आने जाने के लिए आॅटो के माध्यम से भी भक्तों के पहुंचने की सुविधा है। धाम में शनिदेव की अनूठी व चमत्कारित प्रतिमा का प्रभाव इतना तेज है कि लोगों के लिए यह धार्मिक स्थल आस्था व श्रद्धा का स्थान बन गया।
साल भर में चढ़ जाते है डेढ से दो लाख के नारियल:
हनुमान शनिधाम में शारीरिक बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए भक्त आते रहते है। इस चमत्कारित मंदिर में भक्त अपनी मनोकामना पूरी करवाने के लिए उनका नाम लिखा नारियल शनिदेव के चरणों में चढ़ाते है और मनोकामना पूरी करने की मन्नत मांगते है। यहां भक्त शनिदेव की अदालत में नारियल के साथ अर्जी लगाते है। इसके अलावा इस मंदिर का एक रहस्य यह भी है कि शनिदेव अपने भक्तों को उन्हीं के चढ़ाए हुए नारियल से उनकी मुराद पूरी होने का संकेत भी देते है। यहां साल भर में डेढ से दो लाख तक के नारियल चढ़ जाते है।
सरसों के तेल और नारियल की जुट से बनी औषधी से होता है उपचार:
पुजारी गोपाल महाराज के अनुसार शनिदेव के अभिषेक के लिए चढ़ाए गए सरसों के तेल और नारियल की जुट से बनाई गई औषधियों से असाध्य रोगों का निःशुल्क उपचार मंदिर परिसर में किया जाता है। वे बताते है कि तेल में मौजूद शुद्ध जड़ी बुटियो का मिश्रण सूजन व जोड़ों के दर्द के लिए लाभकारी है। यहां अनेक असाध्य रोगों से संबंधित औषधियां भी निःशुल्क दी जाती है।