महाकुंभ 2025 में भगदड़: पूरी खबर
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में शनिवार को एक दुखद हादसा हुआ, जब भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई। यह हादसा उस समय हुआ जब लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए एकत्र हुए थे।
कैसे मची भगदड़?
घटनास्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार, भगदड़ का मुख्य कारण भीड़ का अत्यधिक दबाव और प्रशासन की ओर से उचित प्रबंधन की कमी था। यह हादसा तब हुआ जब श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित क्षमता से अधिक हो गई। कुछ चश्मदीदों का कहना है कि एक अफवाह फैलने से लोग घबरा गए, और धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
मौत और घायलों की संख्या
आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है, और करीब 50 से अधिक लोग घायल हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
रेस्क्यू ऑपरेशन
हादसे के तुरंत बाद प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग की और एंबुलेंस सेवा को सक्रिय किया। अधिकारियों का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है।
प्रशासन पर सवाल
स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों का मानना है कि यह हादसा प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में भीड़ प्रबंधन के लिए बेहतर व्यवस्था और पर्याप्त सुरक्षाबल तैनात होना चाहिए था।
पीड़ितों के परिवार को मुआवजा
सरकार ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को ₹5 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
महाकुंभ में भीड़ और सावधानियां
यह घटना हमें याद दिलाती है कि इस तरह के बड़े आयोजनों में सावधानी और अनुशासन का पालन बेहद जरूरी है। प्रशासन और श्रद्धालुओं को मिलकर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
यह खबर महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सीख लेने की जरूरत को उजागर करती।