उत्कर्ष कोचिंग में टीम को नहीं मिला स्टूडेंट-फीस का रिकॉर्ड: 800 करोड़ की डील में कैश भी लिया; किस कोर्स में कितने स्टूडेंट इनका डेटा नहीं
जोधपुर अरुण माथुर | राजस्थान की उत्कर्ष कोचिंग पर दूसरे दिन भी आयकर विभाग की छापेमारी जारी रही। गुरुवार को सुबह 6 बजे जोधपुर, जयपुर, प्रयागराज और इंदौर में टीम ने रेड डाली थी, जो देर रात तक चली। अब शुक्रवार को जोधपुर के 14 और जयपुर, प्रयागराज और इंदौर के एक-एक ठिकानों पर सर्च चल हा है। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि उत्कर्ष कोचिंग और फिजिक्स वाला के बीच हुई 800 करोड़ की डील में टैक्स चोरी के लिए करोड़ों रुपए का लेन-देन कैश में किया गया। इसकी शिकायत डिपार्टमेंट को मिल गई थी, जिसके बाद ये रेड की कार्रवाई हुई। पहले दिन हुए सर्च में टीम को बच्चों की फीस और किस कोर्स में कितने स्टूडेंट है, इनका रिकॉर्ड नहीं मिला है। टीम की ओर से डिजिटल सबूत के तौर पर यहां मिले रिकॉर्ड की क्लोनिंग भी की है। अन्वेषण शाखा की महानिदेशक रेणू अमिताभ और निदेशक अवधेश कुमार के निर्देशन और अतिरिक्त निदेशक डॉ. संग्राम रमेश जगदाले के नेतृत्व में विभाग की डेढ़ दर्जन टीमों में तीन राज्यों में 19 ठिकानों पर गुरुवार को छापे मारे थे। सूत्रों के मुताबिक फिजिक्स वाला और उत्कर्ष की कुछ महीनों पहले हुई 800 करोड़ की डील के बाद ये मामला रडार पर आया था। आयकर विभाग को ऐसी शिकायतें मिली कि फिजिक्स वाला के साथ शेयर डील में उत्कर्ष कोचिंग संचालक ने बड़ा घपला किया है। 800 करोड़ से अधिक की इस डील में बड़े पैमाने पर अघोषित लेन-देन शामिल है। आयकर विभाग को इस डील की जानकारी मिली तो उसने डॉक्यूमेंट खंगाले। आयकर विभाग के हाथ लगे मेन डॉक्यूमेंट में करोड़ों रुपए का घोटाला होना साफ हो गया। डील में बड़े पैमानें पर कैश में लेन-देन करना सामने आया है। संचालक की ओर से बड़े पैमाने पर टैक्स की चोरी की गई है। छापेमारी में बड़ी मात्रा में कैश और ज्वेलरी मिली है, जिसकी कीमत का अनुमान लगाया जा रहा है। फॉरेंसिक टीम ने जुटाए सबूत, बड़ी मात्रा में कब्जे में लिए डॉक्युमेंट आयकर विभाग के इन्वेस्टिगेशन विंग के जॉइंट डायरेक्टर प्रेरणा चौधरी के निर्देशन में यह कार्रवाई हो रही है। सूत्रों के अनुसार पहले दिन आयकर विभाग की टीमों के फॉरेसिंक एक्सपर्ट्स ने उत्कर्ष समूह के बासनी मंडी के सामने स्थित मुख्यालय और कंपनी के निदेशक निर्मल गहलोत के उम्मेद हैरिटेज स्थित बंगले पर बड़ी मात्रा में डिजिटल सबूत जुटाए है। इन सभी की क्लोनिंग की गई है। इसके साथ ही बड़ी मात्रा में दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार आयकर अधिकारियों की प्रारंभिक छानबीन में पता चला है कि समूह ने बड़ी मात्रा में स्टूडेंट्स से नकद में ली फीस का कोई रिकॉर्ड में नहीं दर्शाया। इतना ही नहीं, समूह के अनगिनत ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेज-कोर्सेज में कुल कितने स्टूडेंट्स है, उनकी संख्या में भी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। छापेमारी में उत्कर्ष के बड़े वेंडर्स भी शामिल उत्कर्ष कोचिंग समूह पर छापेमारी में आयकर विभाग की टीमों ने समूह से जुड़े अन्य लोगों और व्यवसायियों पर भी कार्रवाई की जा रही है। इनमें समूह को कम्प्यूटर हार्डवेयर सप्लाई करने वाले हरी एंटरप्राइजेज, प्रिंटिंग का काम करने वाले जैन समूह, उत्कर्ष के अकाउंटिंग विभाग की जिम्मेदारी संभालने वाले और अन्य मटेरियल सप्लाई करने वाले बड़े वेंडर्स पर भी कार्रवाई की है।बताया जा रहा है कि इन्हीं में एक वेंडर ऐसा भी है, जिन्होंने शहर में इलेक्ट्रॉनिक्स की सामान्य दुकान से शुरुआत की थी। इस वेंडर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड के मकान छोड़कर शहर की सबसे पॉश और महंगी आवासीय कॉलोनी उम्मेद हैरिटेज में बंगला खरीदने और सबसे महंगे व्यवसायिक इलाकों में से एक जलजोग क्षेत्र में शोरूम लगाने तक पर आयकर विभाग की नजर पहले से थी। बैंक अकाउंट और लॉकर्स की जानकारी जुटाएगी टीम कार्रवाई के दूसरे दिन शुक्रवार सुबह आयकर अधिकारियों ने पहले दिन जुटाए गए डॉक्युमेंट्स और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज जिनमें मोबाइल, लैपटॉप, पैन ड्राइव इत्यादि क्लोन के बाद इनकी छानबीन शुरू की है। इसके साथ ही निदेशकों के बैंक खातों, लॉकर्स आदि खंगाले जा रहे है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी वर्ष 2016 में उत्कर्ष समूह पर आयकर विभाग की कार्रवाई हुई थी। आईपीओ की तैयारियों पर भी असर की आशंका सूत्रों के अनुसार फिजिक्स वाला-उत्कर्ष डील के बाद इसके मालिक आईपीओ लाने की भी तैयारियों में जुटे थे। ऐसे में गुरुवार को हुई आयकर विभाग की कार्रवाई का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष असर भी उन तैयारियों पर पड़ने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा रहा है। वहीं पिछले कुछ महीने में प्रॉपर्टी से जुड़े बड़े सौदे भी किए गए थे। इनकी भी जानकारी टीम को मिली है।