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आसाराम को सताने लगा पेरोल रद्द होने का खतरा 

आसाराम को सताने लगा पेरोल रद्द होने का खतरा 

जोधपुर अरुण माथुर | अपने ही आश्रम की नाबालिग छात्रा से यौनाचार के आरोप में जोधपुर की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम के पुणे के माधवबाग अस्पताल पहुंचने पर आश्रम की तरफ से सभी साधकों से अनुरोध किया गया है कि जिन्होंने भी वीडियो- फोटो व्हॉट्सएप ग्रुप स्टेटस, यूट्यूब, फेसबुक पर डाले हों तो कृपया वहां से डिलीट कर दीजिए।आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से तीसरी बार 17 दिन की पैरोल मिली है। इसके साथ ही कोर्ट ने पैरोल को लेकर कड़ी शर्तें लगाते हुए साफ किया कि जहां उनका इलाज होता है, उसके आसपास करीब पांच किलोमीटर के एरिया में कोई भी भक्त मौजूद नहीं रहे और स्थानीय प्रशासन को आसाराम बापू सहयोग करें। हालांकि कोर्ट की शर्त के बावजूद जहां भी आसाराम जाते हैं, वहां पर उनके भक्त अपने इकट्ठा हो जाते हैं। पिछले दिनों आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल से लेकर एयरपोर्ट तक कड़ी सुरक्षा में उन्हें महाराष्ट्र ले जाया गया था, लेकिन इस दरम्यान भक्तों की काफी संख्या आसाराम के वाहन के आगे-पीछे नजर आ रही थी। इसके अलावा जोधपुर के आरोग्यम में इलाज के दौरान भी अस्पताल के बाहर काफी संख्या में भक्तों की भीड़ जुटी रहती थी, जिसको लेकर कई बार स्थानीय पुलिस लेस ने भक्तों को हटाने का प्रयास भी किया था। ऐसे में अब आसाराम को लगता है कि भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कहीं राजस्थान हाईकोर्ट उनकी पैरोल रद्द नहीं कर दे। अब आसाराम के आश्रम की ओर से भक्तों से कहा गया है कि उन्हें महाराष्ट्र लाने के दौरान रास्ते में जिन लोगों ने वीडियो फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड किए हैं, उन्हें तुरंत प्रभाव से हटा दें। भक्तों से यह भी कहा गया है कि यदि आपकी जानकारी में और किसी ने भी डाले हैं तो उन्हें भी डिलीट करवा दीजिए। सोशल मीडिया से वीडियो और फोटो हटाने की अपील के पीछे कारण माना जा रहा है कि आसाराम और उनके आश्रम के लोगों को लगता है, अगर भक्तों की भीड़ और सोशल मीडिया पर वीडियो फोटो को कोई भी राजस्थान हाईकोर्ट में पेश कर सकता है और उनकी पैरोल को रद्द करवा सकता है। ऐसे में अब आसाराम के आश्रम की तरफ राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम को तीसरी बार 171 दिन की पैरोल दी है। हाईकोर्ट ने गत 15 दिसंबर को आसाराम की 17 दिन की पैरोल मंजूर की थी। इससे पहले सात नवंबर को तीस दिन की पैरोल जोधपुर के निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के लिए मिली थी, जबकि उससे पहले पहले सात दिन की पैरोल अगस्त में मिली थी। तब भी वह पुणे गया था। पैरोल के आदेश में हाईकोर्ट ने साफ किया कि पहले की तरह ही सुरक्षा व भक्तों को लेकर बनाए नियमों का आसाराम को ध्यान रखना होगा। इसके साथ ही आने जाने एवं पुलिस सुरक्षा का तमाम खर्च आसाराम को ही वहन करना होगा।

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