भारतीय रेलवे में सुरक्षा की नई दिशा:
“कवच” प्रणाली का 36,000 किलोमीटर ट्रैक पर विस्तार, 2030 तक
♦️ भारत टाइम्स न्यूज ♦️
(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
जयपुर। भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को मजबूती देने के लिए स्वदेशी “कवच” प्रणाली का विकास किया है, जो रेलवे संचालन को और सुरक्षित बनाती है और दुर्घटनाओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। फरवरी 2012 में काकोडकर समिति की सिफारिशों के आधार पर इस प्रणाली का विकास शुरू हुआ।
2014-15 में इसे दक्षिण मध्य रेलवे पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्थापित किया गया और 2015-16 में यात्री ट्रेनों पर इसका पहला परीक्षण किया गया। इसके बाद इसे और उन्नत किया गया और 2017-18 में कवच के वर्जन 3.2 को अंतिम रूप दिया गया। 2018-19 में इसे आरडीएसओ द्वारा प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ और जुलाई 2020 में इसे राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के रूप में घोषित किया गया।
2022 तक, कवच प्रणाली को 1200 किलोमीटर ट्रैक पर स्थापित किया गया था। अब, 2024 में कवच 4.0 को आरडीएसओ से मंजूरी मिल चुकी है और कोटा-सवाई माधोपुर के बीच 108 किलोमीटर ट्रैक पर इसे चालू किया गया। अहमदाबाद-वडोदरा खंड पर 84 किलोमीटर के ट्रैक पर परीक्षण कार्य जारी है।
2030 तक, कवच प्रणाली को 36,000 किलोमीटर ट्रैक पर स्थापित करने का लक्ष्य है। वर्तमान में, दिल्ली-चेन्नई और मुंबई-चेन्नई खंड पर कवच के ट्रैक साइड कार्यों के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। 2024-25 में 30,000 किलोमीटर कार्य की स्वीकृति दी गई है।
कवच प्रणाली के प्रभाव से भारतीय रेलवे में दुर्घटनाओं में कमी आएगी, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, और रेलवे संचालन को और भी सुरक्षित बनाया जाएगा। 2030 तक इसका पूर्ण विस्तार भारतीय रेलवे में सुरक्षा के एक नए युग की शुरुआत करेगा।