
सलेमपुर सेंट जेवियर्स में रामलीला का दिव्य प्रदर्शन, प्रिंसिपल वीके शुक्ला ने दीवाली की दीं शुभकामनाएं
♦️ भारत टाइम्स न्यूज ♦️
शीतल निर्भीक/रंजना वर्मा ब्यूरो
सलेमपुर।स्थानीय सेंट जेवियर्स स्कूल में आज मंगलवार का दिन अद्वितीय और रंगीन रहा, जब छात्र-छात्राओं ने मिलकर मनोहारी रंगोली बनाई और रामलीला का ऐसा दिव्य मंचन किया, जिसने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। पूरे कार्यक्रम के दौरान हर कोई रामायण के पवित्र प्रसंगों में जैसे खो सा गया।
रामलीला के दौरान, छात्रों ने भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और रावण के अद्भुत पात्रों को जीवंत किया। उनके संवाद, भाव-भंगिमा, और भक्ति से भरे अभिनय ने सभी का दिल जीत लिया। रामायण के प्रसंगों में जैसे ही रावण का अंत हुआ और भगवान श्रीराम का विजय उल्लास गूंजा, दर्शकों की तालियों से पूरा प्रांगण गूंज उठा।
प्रदर्शन के बीच, विद्यालय के प्रिंसिपल वीके शुक्ला ने मंच पर उपस्थित होकर सभी छात्रों और शिक्षकों की मेहनत की सराहना की। उन्होंने विद्यालय में इस तरह के आयोजनों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियाँ विद्यार्थियों में संस्कार और संस्कृति के प्रति प्रेम को बढ़ाती हैं।
प्रिंसिपल वीके शुक्ला ने दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “दीपों का यह पर्व हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने की प्रेरणा देता है। हमारे छात्र-छात्राओं ने जिस श्रद्धा से इस कार्यक्रम को प्रस्तुत किया है, वह भविष्य में हमारी संस्कृति और मूल्यों की सच्ची मिसाल बनेगा।”
कार्यक्रम में विद्यालय के अन्य शिक्षकगण भी उपस्थित रहे, जिन्होंने छात्रों का उत्साहवर्धन किया। इस दौरान दीप जलाए गए और विद्यालय परिसर को दीपों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया, जिससे पूरे माहौल में दिवाली की सजीवता महसूस हुई।
छात्रों ने अपने अभिनय और प्रदर्शन से न केवल भगवान श्रीराम के जीवन के आदर्शों को उजागर किया बल्कि दर्शकों को यह भी संदेश दिया कि सत्य और धर्म की जीत सदैव होती है। मंच पर जैसे ही रामायण के गीत और संवाद गूंजे, पूरा वातावरण धार्मिक ऊर्जा से भर गया।
विद्यालय के छात्रों ने राम, लक्ष्मण, सीता और रावण के पात्रों को पूरी निष्ठा से निभाया, जिससे रामलीला के प्रत्येक दृश्य में दर्शकों को दिव्य अनुभूति हुई। हर दृश्य के अंत में दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई दी, जिससे बच्चों के चेहरे पर खुशी की झलक साफ नजर आ रही थी।
इस रंगारंग और दिव्य कार्यक्रम ने सेंट जेवियर्स के प्रांगण को सजीव कर दिया और एक बार फिर से यह सिद्ध किया कि विद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि संस्कृति और संस्कारों की पाठशाला भी है।