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रेलवे ने पौटैटो ट्यूमर के सफल ऑपरेशन से लौटाई पेंशनर की खुशियां

*रेलवे ने पौटैटो ट्यूमर के सफल ऑपरेशन से लौटाई पेंशनर की खुशियां*

-भद्दी और बेहद लंबी नाक होने लगी थी प्राणलेवा

-जटिल ऑपरेशन से रेलवे अस्पताल के चिकित्सकों ने दिलाई राहत

-जोधपुर रेलवे अस्पताल में राइनोप्लास्टी का पहला सफल ऑपरेशन

जोधपुर,19 दिसंबर। सामान्य से काफी बड़ी और भद्दी सी दिखने वाली नाक का सफल ऑपरेशन कर रेलवे ने अपने एक पेंशनर को न केवल स्वास्थ्य बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी बड़ी राहत पहुंचाई है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल वर्कशॉप से सात वर्ष पहले रिटायर हुए संपतराज की नाक पिछले दो सालों से निरंतर बढ़ती जा रही थी जो उनके चेहरे पर भद्दी तो लगती ही थी लेकिन धीरे-धीरे बढ़ी नाक उनकी नॉर्मल श्वसनक्रिया में भी बाधा उत्पन्न करने लगी थी।

मर्ज के निरंतर बढ़ने पर उन्होंने जोधपुर मंडल रेलवे अस्पताल के वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी (ईएनटी) डॉ गुलाबसिंह सारण से संपर्क किया जिस पर उन्होंने पाया कि संपतराज नाक के रिनोफाइमा अर्थात पोटैटो ट्यूमर से पीड़ित थे जिसका उपचार सिर्फ नाक की सर्जरी कर उसकी जगह रोगी की स्वयं की चमड़ी से नई नाक बनाना ही था।

इस बीच संपतराज ने इस हेतु एक- दो बड़े अस्पतालों में भी चिकित्सकों से संपर्क किया लेकिन ज्यादा ब्लड प्रेशर और ऑपरेशन प्रक्रिया बेहद जटिल होने के कारण किसी ने रिस्क लेना उचित नही समझा।

आखिर वह रेलवे अस्पताल पहुंचे और डॉ सारण से संपर्क कर ऑपरेशन के लिए सहमत हो गए।

इस पर डॉ सारण ने अस्पताल अधीक्षक डॉ एस आर बुनकर से चर्चा और रोगी का ब्लड प्रेशर सामान्य होने पर बुधवार को रेलवे अस्पताल के मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर में मरीज की आलू जैसी दिखने वाली नाक का बेहद जटिल ऑपरेशन कर सिर की चमड़ी से नई नाक बनाकर उसे बंद और बढ़ी हुई नाक की समस्या से मुक्ति दिलाने में सफलता हासिल की।

डॉ सारण का कहना है कि जोधपुर रेलवे अस्पताल में यह अपनी तरह का पहला और बेहद जटिल ऑपरेशन था जिसमें रोगी को बेहोश करने में भी दिक्कत आ रही थी लेकिन निश्तेचना विशेषज्ञ डॉ प्रद्युम्न कुमार साहू द्वारा वीडियो लेरिंगोस्कोपी से उन्हें बेहोश किया गया । ऑपरेशन के बाद रोगी अब स्वयं को सेहत और सामाजिक दृष्टि से दोनों से स्वस्थ महसूस कर रहा है।

अस्पताल अधीक्षक डॉ एस आर बुनकर ने बताया कि डीआरएम पंकज कुमार सिंह के दिशा-निर्देशन में रेलवे अस्पताल में आने वाले गंभीर रोगियों का इलाज अस्पताल में ही करने हेतु हर संभव सुविधाएं सुलभ कराई जा रही हैं जिससे रोगियों को महंगे उपचार के लिए अंयत्र जाने में अनावश्यक समय व धन नही लगे।

*ऑपरेशन के दौरान टीम ने किया सामूहिक सहयोग*

इस दौरान ऑपरेशन थियेटर में वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी (ईएनटी) डॉ सारण, विजिटिंग स्पेशलिस्ट डॉ आर सोनी के साथ निश्तेचना विशेषज्ञ डॉ प्रद्युम्न कुमार साहू,नर्सिंग स्टाफ डॉ विनीता पंवार,ऋषि गहलोत ओटी स्टाफ सुरेंद्र व चंद्रप्रकाश ने रोगी के सफल ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

*क्या कहना है रोगी का*

‘मेरी नाक की जगह पर एक गांठ थी ,एक बड़ा सा आलू जिससे मैंने अपने जीवन का सारा स्वाद खो दिया, जिसे हटाकर रेलवे ने उसे फिर से लौटा दिया। मुझे लगता है अब मैं सेहत और सामाजिक दृष्टि से अच्छा महसूस करूंगा क्योंकि ज्यादा लंबी नाक से मेरा जीवन नारकीय बनता जा रहा था।

*-संपतराज,*

रेलवे पेंशनर

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