“जी.एम. एकेडमी में मनाई गई शिक्षा के महान योद्धा स्व. गौरीशंकर द्विवेदी की जयंती”*
*पूर्वांचल की शिक्षा के मसीहा को याद कर प्रेरणा के दीप जलाए*
*शीतल निर्भीक/रंजना वर्मा ब्यूरो*
देवरिया। जिले के सलेमपुर स्थित जी.एम. एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में गुरुवार को संस्थापक एवं शिक्षाविद् स्व. गौरीशंकर द्विवेदी की जयंती श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर विद्यालय की निदेशिका डॉ. संभावना मिश्रा और चेयरमैन डॉ. श्री प्रकाश मिश्र ने द्विवेदी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन कर पुष्पांजलि अर्पित की।
भावुक श्रद्धांजलि और शिक्षाओं का संकल्प
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं और छात्रों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। भावुक माहौल में उपस्थित सभी ने इस महान शिक्षाविद् को नमन किया और उनकी शिक्षाओं को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। डॉ. संभावना मिश्रा ने कहा, “स्व. गौरीशंकर द्विवेदी जी केवल हमारे संस्थापक नहीं थे, बल्कि शिक्षा के प्रति समर्पित एक महान विचारक और अनुशासनप्रिय व्यक्ति थे। उनके प्रयासों से सलेमपुर में शिक्षा की अलख जगी और पूर्वांचल में इसका प्रकाश फैला। हम सौभाग्यशाली हैं कि उनकी कृपा दृष्टि हम पर बनी है, और उनकी प्रेरणा हमें लगातार नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर करती रहेगी।”
शिक्षा के अनुशासन और नकलमुक्त संस्कृति के समर्थक
चेयरमैन डॉ. श्री प्रकाश मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा, “द्विवेदी जी केवल एक प्रशासक नहीं थे; वे शिक्षा के योद्धा थे जिन्होंने नकलमुक्त शिक्षा की परंपरा स्थापित की। उनकी कर्तव्यपरायणता और आत्मानुशासन हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। आज उनकी जयंती पर हम सब उन्हें नमन करते हैं और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेते हैं। शिक्षा में अनुशासन और नकल विरोध का जो बीज उन्होंने बोया, उसे हम हर संभव प्रयास से सींचते रहेंगे।”
काव्यांजलि से दी गई श्रद्धांजलि
विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी ने भी स्व. गौरीशंकर द्विवेदी को अपनी भावपूर्ण रचना से याद किया: “जब-जब समुचित शिक्षा का नाम आएगा,
सहज रूप में गौरीशंकर जी का नाम आएगा।
नकल विरोध और अनुशासन का नाम आएगा,
दृढ़ इच्छाशक्ति गौरीशंकर जी का याद आएगा।”
उनकी यह काव्यांजलि सभी उपस्थित लोगों के दिलों में स्व. द्विवेदी की छवि को फिर से जीवित कर गई।
महान शिक्षाविद् के विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प
इस विशेष अवसर पर सभी छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने यह संकल्प लिया कि वे द्विवेदी जी की शिक्षाओं और उनके अनुशासनप्रियता के मार्ग पर चलकर शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम का समापन स्व. गौरीशंकर द्विवेदी की अमर शिक्षाओं का स्मरण करते हुए हुआ, जिसने सभी के मन में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया।
इस प्रकार, इस विशेष आयोजन में स्व. द्विवेदी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके द्वारा स्थापित आदर्शों का अनुसरण करने का दृढ़ निश्चय किया गया।