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लक्ष्मण को लगी शक्ति, हनुमान जी उठा लाए संजीवनी बूटी, लीला देख दर्शक हुए गदगद

लक्ष्मण को लगी शक्ति, हनुमान जी उठा लाए संजीवनी बूटी, लीला देख दर्शक हुए गदगद

धानापुर (चंदौली) / बजरंगी प्रसाद। धानापुर मे अनवरत दस दिनो से चल रही लीला मे अंतिम दिन रविवार को रामलीला चबूतरे पर लक्ष्मण शक्ति लीला का मंचन हुआ। स्थानीय कलाकारो द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष बेहतर मंचन देखकर दर्शको ने खूब प्रसंशा किया। लीला का माॅ शेरोवाली की वंदना के साथ शुभारंभ हुआ। समुंद्र के ऊपर श्रीराम की सेना ने सेतु बनाकर तैयार किया। इस मौके पर श्रीराम ने रामेश्वर की स्थापना कर पूजन किया। जिसके बाद सेतू का नाम रामेश्वर सेतू पडा। जिस पर से होकर श्रीराम की सेना उस पार लंका की धरती पर पहुंची। युद्ध की रणनीति दोनो ओर से बनने लगी। युद्ध प्रारंभ हुआ, एक-एक कर राक्षसी सेना का संहार शुरू हो गया। लंकापति रावण की ओर से सेनापति मेघनाथ और प्रभु श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण में घोर युद्ध हुआ। मायावी मेघनाथ के शक्ति बाण से लक्ष्मण जी मूर्छित हो उठे। लक्ष्मण पर शक्ति प्रयोग के बाद श्रीराम की सेना मे हाहाकार मच गयी। मूर्छित अवस्था मे बडे भाई श्रीराम ने सिर गोद मे रखकर विलाप करने लगे। जिसे देख दर्शको की ऑखे नम हो गई। जामवंत जी ने हनुमान जी को उनका बल याद दिलाया। लंका मे प्रवेश कर सुखेन वैद्य को घर सहित हनुमान जी ने रामा दल में ले आए और सुखेन वैद्य के बताए अनुसार सूर्योदय से पूर्व संजीवनी लाने के लिए निकल पडे। रास्ते मे कालनेमी नाम के राक्षस का वध किया। संजीवनी के सेवन उपरान्त लक्ष्मण के प्राण वापस आने से रामा दल में खुशी की लहर दौड़ पडी। लक्ष्मण जी ने मेघनाथ का वध किया। अंत मे युद्ध में कुंभकरण के मारे जाने पर रावण व्यथित हो उठा। इस मौके पर सतीश सेठ आका, डाॅ अरविंद मिश्रा, रामलाल सेठ, श्याम सुंदर सैनी, डबलु मिश्रा, गौरी कुशवाहा, सनत कुमार द्विवेदी आदि लोग मौजूद रहे।

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