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अल्मोड़ा का दिल दहलाने वाला हादसा: खाई में गिरी बस, 36 की मौत, दर्जनों घायल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

अल्मोड़ा का दिल दहलाने वाला हादसा: खाई में गिरी बस, 36 की मौत, दर्जनों घायल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

♦️ भारत टाइम्स न्यूज ♦️

शीतल निर्भीक/ रितु वर्मा डिजिटल एडिटर 

नई दिल्ली।देश के उत्तराखंड की अल्मोड़ा जिले में सोमवार सुबह दिल दहला देने वाली दुर्घटना हुई, जहां यात्रियों से भरी एक बस गहरी खाई में गिर गई। इस भयावह हादसे में 36 यात्रियों की जान चली गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। दुर्घटना स्थल मार्चुला के पास स्थित सारड बैंड पर हुआ, जब नैनीडांडा से रामनगर जा रही इस बस का ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा और बस नदी के किनारे गहरी खाई में जा गिरी। हादसे के बाद इलाके में हाहाकार मच गया, और यात्रियों की चीख-पुकार सुनाई देने लगी।

रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीम, चार घायलों को एयरलिफ्ट किया गया

इस हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई। प्रशासन ने गंभीर रूप से घायल चार यात्रियों को तुरंत एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश भेजा, जबकि अन्य घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है और अभी भी मलबे में फंसे लोगों की तलाश की जा रही है। घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए जरूरत पड़ने पर और एयरलिफ्टिंग के इंतजाम किए गए हैं।

पीएम और सीएम ने जताया शोक, मुआवजे का ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दर्दनाक हादसे पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपये तथा घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। पीएम मोदी ने कहा, “इस भीषण दुर्घटना में जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। राज्य सरकार पूरी तरह से राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है।” मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी हादसे पर गहरा दुख जताया और मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये तथा घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। उन्होंने संबंधित क्षेत्र के एआरटीओ प्रवर्तन को निलंबित करने के आदेश दिए हैं और इस हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश भी जारी किए हैं।

पुलिस-प्रशासन ने बढ़ाया राहत कार्य, एनडीआरएफ भी मौके पर पहुंची

अल्मोड़ा के एसएसपी और डीएम देहरादून समेत प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। एनडीआरएफ की टीम को भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल किया गया है। घायलों को फौरन अस्पताल ले जाने और फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने बताया कि मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है, क्योंकि कई घायलों की हालत नाजुक है।

कैसे हुआ हादसा? यात्रियों के दर्दनाक अनुभव

बताया जा रहा है कि दुर्घटना उस वक्त हुई जब ड्राइवर का बस पर नियंत्रण खो गया और बस सीधे नदी के किनारे गहरी खाई में जा गिरी। बस में 55 से अधिक यात्री सवार थे, जबकि बस की क्षमता केवल 40 सीटों की थी। जैसे ही बस नीचे गिरी, यात्रियों में हड़कंप मच गया और हर तरफ चीख-पुकार सुनाई देने लगी। कुछ यात्री खुद को बचाने में सफल रहे, जबकि अन्य मलबे में फंसे रह गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस क्षेत्र में सड़कें संकरी और घुमावदार हैं, जिससे हादसों का खतरा बना रहता है।

भविष्य की सुरक्षा को लेकर प्रशासन अलर्ट

इस घटना के बाद प्रशासन द्वारा भविष्य में इस तरह के हादसों से बचाव के लिए सुरक्षा उपायों पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने संबंधित अधिकारियों को सड़क की सुरक्षा की जांच करने और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में बैरिकेडिंग, स्पीड ब्रेकर, और चेतावनी संकेत लगाने के निर्देश दिए हैं। स्थानीय लोगों ने इस घटना के बाद सड़कों की दशा सुधारने और ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने की मांग की है। अभी भी हादसे का मंजर भयावह बना हुआ है, और रा

हत कार्य लगातार जारी है।

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