Poem
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Kavita
रंग दे कलम
रंग दे कलम विषय-होली/फाग मन के भेद पिया संग खोले,चोरी चोरी नैना बोले। झूम झूम कर तन मन डोले,प्रेम रंग…
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शीर्षक :- फाग
शीर्षक :- फाग विधा :- मनहरण घनाक्षरी 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 (१) गोकुल मची है धूम होलियार रहे घूम मस्ती में मलंग होके…
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Kavita
पक्के रंगों की होली…….
पक्के रंगों की होली……. इस रंग बदलती दुनिया में, पक्के रंगों की होली हो। सब द्वेष – राग भूला जाए,…
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Kavita
🙏✍️”अभी मैं बच्ची हूँ”✍️🙏
🙏✍️”अभी मैं बच्ची हूँ”✍️🙏 अभी मैं बच्ची हूँ, उम्र की कच्ची हूँ, हूँ पापा की परी, दिल की सच्ची हूँ।…
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Kavita
मेरी अधूरी मोहोब्बत
मेरी अधूरी मोहोब्बत है! मेरा इश्क़ भी अधूरा तुम्हारे नाम के सामने जैसे अधूरी है राधा श्याम के सामने कलेजे…
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देश
कन्या नही मिली
कन्या नही मिली पसीने से लथपथ राज घर पर आया। राधा-राधा एक गिलास पानी दो अपनी पत्नी को आवाज़ लगाते…
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