मेवाड़ विश्वविद्यालय के कश्मीरी विद्यार्थियों पर तानाशाही, सरकार से मांगा जवाब
मेवाड़ विश्वविद्यालय में जम्मू-कश्मीर के 44 छात्र-छात्राएं धरने पर
*विद्यार्थियों पर किया गया पुलिस बल का प्रयोग
चित्तौड़गढ़ : पैसा दो और डिग्री लो के नाम से देश के सबसे जाने-माने विश्वविद्यालय और हाल ही में फर्जी डिग्री कांड में लिप्त मेवाड़ विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में आ गया है। चित्तौड़गढ़ के गंगरार स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी में बीएससी नर्सिंग के तृतीय वर्ष के 44 जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थी पिछले तीन दिनों से केम्पस परिसर में मुख्य गेट के सामने धरने पर बैठे हैं। विद्यार्थियों का आरोप है कि विश्वविद्यालय ने राजस्थान नर्सिंग काउंसिल या भारतीय नर्सिंग काउंसिल में एफिलिएशन के बिना ही उन्हें प्रवेश दे दिया गया, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ गया है। पिछले 6 दिन से वह धरने पर बैठे हैं और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। डरने पर बैठे विद्यार्थियों ने सरकार पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि न ही राजस्थान सरकार उनकी मदद कर रही है और ना ही भारत सरकार। उन्होंने यह भी कहा है कि जब विश्वविद्यालय को मान्यता नहीं थी तो हमें यहां पर एडमिशन क्यों किया गया और हमारे भविष्य के साथ क्यों खिलवाड़ किया गया। उन्होंने जानकारी दी कि उनका चयन भारत सरकार की आर्मी के द्वारा होकर यहां पढ़ने के लिए भेजा जाता है। बीते दिन पुलिस द्वारा इन विद्यार्थियों पर बल प्रयोग भी किया गया। मेवाड़ विश्वविद्यालय प्रबंधन हाथी के दांत खाने की और दिखाने की ओर मुहावरे को सिद्ध कर रहा है। इधर तो बिना मान्यता प्राप्त कोर्स को धडल्ले से चला रहे हैं और दूसरी ओर चित्तौड़गढ़ जिले के विद्यार्थियों को मेवाड़ विश्वविद्यालय का सब्ज बाग दिखाने हेतु और अपनी दुकानदारी जमाने के लिए उन विद्यार्थियों में विभिन्न तरह के प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है ताकि अपने किए गए घोटाले पर पर्दा डाल सके। उल्लेखनीय है कि मेवाड़ विश्वविद्यालय कई बार विवादों में फंसा हुआ है यहां पर अनगिनत बिना मान्यता प्राप्त कोर्स चलाए जा रहे हैं साथ ही हाल ही में फर्जी डिग्री कांड में विश्वविद्यालय के चार पदाधिकारी को जेल हुई है, जिन्होंने पिछले 5 सालों में अनगिनत संख्या में फर्जी डिग्री बनवाई है। पेश है चित्तौड़गढ़ से हमारे संवाददाता अमित कुमार चेचानी की यह खास रिपोर्ट।