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भूखी माता बिजयपुर व आसपास के 60 गांवों की आराध्य देवी हैं

*बिजयपुर की पहाड़ियों पर प्रकृति के सौंदर्य के मध्य स्थित है श्री भूखी माता का मंदिर*

*भूखी माता बिजयपुर व आसपास के 60 गांवों की आराध्य देवी हैं*

*श्री भूखी माता मंदिर की पहाड़ी पर बन रहा चित्तौड़ जिले का पहला नव दुर्गा मंदिर*

।।या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।”

*स्पेशल रिपोर्ट- अमित कुमार चेचानी, चित्तौड़गढ़*

चित्तौड़गढ़। हिन्दू धर्म में माता रानी का देवियों में सर्वोच्च स्थान है। उन्हें अम्बे, जगदम्बे, शेरावाली, पहाड़ावाली आदि नामों से पुकारा जाता है। संपूर्ण भारत भूमि पर उनके सैंकड़ों मंदिर है। ऐसा ही एक मंदिर चित्तौड़गढ़ जिले से लगभग 40 किलोमीटर दूर बिजयपुर गांव के शुरुआत में पहाड़ी पर स्थित है, नाम है श्री भुखी माता मंदिर। ऐसी मान्यता है कि बिजयपुर गांव की स्थापना से पहले ही यह भूखी माता का मंदिर पहाड़ी पर स्थित है।

ग्रामवासियों का कहना हैं कि बिजयपुर की पहाड़ी पर सैकड़ों साल पुराना भूखी माता का मंदिर है। राजा महाराजाओ के जमाने से ही भूखी माता मंदिर में बिजयपुर गांव की खुशहाली व सुख शांति के लिए पूजा अर्चना होती है। मंदिर में भूखी माता के साथ में धाय माता और अन्नपूर्णा देवी भी विराजित है। भूखी माता बिजयपुर व आसपास के 60 गांवों की आराध्य देवी हैं और श्रद्धालुओं में बहुत आस्था है व श्रद्धालु दर्शन को आते हैं। नवरात्रि पर्व पर इस शक्तिपीठ पर विशेष पूजा-अर्चना होती है। मान्यता है कि यहां जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से अपनी मनोकामना लेकर आते हैं वह पूरी हो जाती है।

*पहाड़ियों के ऊपर हरी-भरी वादियों में स्थित है श्री भूखी माता का मंदिर*

खूबसूरत और रोमांच से भरी से भरी पहाड़ियों के बीच में माता रानी का यह का यह शक्तिपीठ भक्तजन व पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है।

बिजयपुर के आसपास अनेकों पहाड़ियां स्थित है और प्रकृति के बीच यह गांव और श्री भूखी माता का मंदिर पहाड़ियों के ऊपर पहाड़ियों के बीच हरी-भरी वादियों में स्थित है जो रोमांच से भरपूर है और श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए शांति व सुकून प्रदान करता है। मंदिर की पहाड़ी से बिजयपुर गांव का दृश्य व आसपास के खूबसूरत प्राकृतिक नज़ारे मन को हर्षाते है। आसपास हरी-भरी पहाड़ियां होने से व बरसात के दिनों में झरने गिरने से पर्यटन की यहां पर असीम संभावना है। साथ ही इन पहाड़ियों पर अनेक औषधीय वृक्ष भी हैं व पलाश के पेड़ बहुतायत में पाए जाते हैं होली पर्व के आसपास हम टेसू के फूल इन पर देख सकते हैं जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है। जहां पर गूगल के पौधे भी बहुतायत में पाए जाते हैं और स्वतः ही उगते हैं।

*नव दुर्गा मंदिर बनने से श्रद्धालुओं में बढ़ेगा आकर्षण*

बिजयपुर सरपंच श्याम लाल शर्मा की पहल पर व भामाशाहों के सहयोग से भूखी माता मंदिर के पास जिले का पहला नव दुर्गा मंदिर बनने जा रहा है जिससे आसपास के क्षेत्रों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। हाल ही में ग्राम पंचायत सरपंच की ओर से व भामाशाहों के सहयोग से सीढ़ियों का निर्माण करवाया गया था। सीडीओ के दोनों और छायादार व फूलदार पौधों को भी लगाया गया। इन्हीं सीढ़ियों के पास नवदुर्गा के छोटे-छोटे मंदिर बनाकर प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी ऐसे में श्रद्धालुओं को माता के मंदिर के साथ ही नव दुर्गा मंदिर के दर्शन का लाभ मिलेगा अगले नवरात्रि महोत्सव तक यह कार्य पूरा होने की संभावना है।

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