एक दिवसीय संत सम्मेलन का हुआ आयोजन
एक दिवसीय संत सम्मेलन का हुआ आयोजन
भारत टाइम्स
बेंगलूरू: श्री हंस सत्संग आश्रम मेडाहल्ली कृष्णराजापुरम में एक दिवसीय संत सम्मेलन का भव्य आयोजन मानव उत्थान सेवा समिति शाखा बेंगलूर के तत्वावधान में रखा गया। इस अवसर पर मानव धर्म के प्रणेता सदगुरू सतपाल महाराज के आत्मानुभवी संत हैदराबाद से पधारे महात्मा मुनीषा नंद ने अपने विचार रखते हुए कहा की मानव का मन वास्तव में बहुत चंचल है, लेकिन जब एक साधक साधना में बैठकर अपने मन को परमात्मा के साथ जोड़ता है तभी मन को वश में कर सकता है। लेकिन ध्यान करने की विधि समय के सद्गुरु के द्वारा ही प्राप्त की जाती है।मन को ध्येय वस्तु में लगाना ही ध्यान है। मन की भटकन तब तक दूर नहीं होती जब तक कि हमें मन पर नियंत्रण स्थापित करने का साधन प्राप्त न हो जाए। सम्मेलन में विजयवाड़ा से पधारी साध्वी अनुभूति बाई जी ने कहा कि ध्यान ही एक माध्यम है जिससे मनुष्य की आध्यात्मिक प्रगति के साथ-साथ भौतिक प्रगति भी होती है। अध्यात्म जीवन को संतुलित बनाकर मानव का सर्वांगीण विकास करने में मदद करता है। समिति की शाखा कर्नाटक के प्रभारी महात्मा तुरियानंद ने कहा कि सभी धर्मों की आत्मा एक है और मनुष्य को गुरु के द्वारा ही आत्म साक्षात्कार होता है। समारोह में मैसूर से पधारे महात्मा रंजनानंद ने महात्मा आत्म वेदांतानंद एवं महात्मा गुणवंतानंद ने भी संबोधित किया। भजन गायक नारायणलाल चोयल, विष्णु देव एवं नित्तल पाटिल ने भक्तिमय भजनों की मन मोहक प्रस्तुतियां देकर समा बांधा। कार्यक्रम में समिति के पुनित जैन,हरबंसलाल शर्मा, श्याम दास वैष्णव , थाना राम गहलोत , बसवराज , डॉक्टर विजय कुमार, पी लक्ष्मण पवार , सुमेरसिंह पुरोहित , विनोद कुमार (मैनेजर पीएनबी) महेश बंसल सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे। इस अवसर पर सैकड़ो की संख्या में बेंगलुरु के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे हुए श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ भाग लेकर संतवृंदों की वाणी का रसास्वादन किया। कार्यक्रम का संचालन प्रेमकिशोर बर्फ़ा ने किया।