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बलिया में रोशनी की लौ से साकार हो रहा है मोदी का स्वदेशी सपना

बलिया में रोशनी की लौ से साकार हो रहा है मोदी का स्वदेशी सपना: 

बिल्थरारोड सेंट जेवियर्स स्कूल में दीपावली पर स्वदेशी दीयों का उत्सव!

♦️ भारत टाइम्स न्यूज ♦️

(शीतल निर्भीक/रंजना वर्मा ब्यूरो)

लखनऊ।उत्तर प्रदेश के शिक्षा की मंदिरो में एक ऐसा भी विद्यालय है जहां बलिया जिले के बिल्थरारोड स्थित सेंट जेवियर्स स्कूल, पिपरौली बड़ागांव में इस बार दीपावली का पर्व और भी खास हो गया है। विद्यालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी अपनाने के आह्वान को अनूठे ढंग से साकार किया है। हर साल की तरह इस बार भी विद्यालय प्रांगण में स्थानीय कुम्हारों द्वारा देशी मिट्टी से बने दीयों, गुल्लक और मिट्टी के खिलौनों की दुकानें सजाई गईं। इस पहल का उद्देश्य न केवल दीपावली पर घरों को स्वदेशी दीयों की रोशनी से सजाना है बल्कि देश की मिट्टी और उसके कलाकारों को आर्थिक सहयोग भी प्रदान करना है।

विद्यालय के डायरेक्टर डॉ. जे.आर. मिश्र और प्रिंसिपल शीला मिश्रा ने इस आयोजन के पीछे की प्रेरणा को साझा करते हुए बताया, “हमारा उद्देश्य छात्रों और उनके अभिभावकों में स्वदेशी वस्त्रों, उत्पादों और परंपराओं के प्रति जुड़ाव को मजबूत करना है। दीपावली भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है, और इसे मनाने का असली आनंद तभी आता है जब हम अपने देश की मिट्टी से बने दीयों से अपने घरों को रोशन करते हैं। इससे हम न केवल अपने देश के कुम्हारों की सहायता करते हैं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के स्वदेशी का संदेश भी मजबूत होता है।”

छात्रों के साथ मुस्लिम समाज का उत्साह भी अनोखा

इस बार का आयोजन विशेष रूप से अनोखा इसलिए है क्योंकि मुस्लिम समाज के छात्र-छात्राएं भी बड़ी संख्या में उत्साह के साथ दीयों की खरीदारी कर रहे हैं। उनसे बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि ये दीये वे अपने हिंदू पड़ोसियों को दीपावली के उपहार के रूप में भेंट करेंगे, ताकि वे भी स्वदेशी अपनाने का संदेश आगे बढ़ा सकें। यह भाईचारे और सह-अस्तित्व का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है और सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल बन रहा है।

छात्रों में देशभक्ति और स्वदेशी की भावना को बढ़ावा

इस दौरान डायरेक्टर डॉ. मिश्र व प्रिंसिपल शीला मिश्रा ने बताया कि इस आयोजन के जरिए छात्रों में भारतीय संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण, और आत्मनिर्भरता का संदेश प्रसारित करना हमारा उद्देश्य है। मिट्टी के दीयों का उपयोग न केवल स्वदेशी अपनाने का प्रतीक है, बल्कि यह पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में भी एक छोटा सा प्रयास है। इससे छात्रों में देश के प्रति जिम्मेदारी और गर्व की भावना का विकास होता है, जो उन्हें अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित बनाती है।

दीपावली की शुभकामनाएं और पटाखों से दूरी का संदेश

विद्यालय के डायरेक्टर डॉ. जे.आर. मिश्र और प्रिंसिपल शीला मिश्रा ने छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ-साथ सभी देशवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा, “यह पर्व प्रकाश और उल्लास का है, और इसे मनाने का सबसे सुंदर तरीका है कि हम पटाखों से दूरी बनाए रखें।” उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे पर्यावरण का ख्याल रखते हुए दीयों की रोशनी से अपने घरों को सजाएं और मिट्टी के दीयों का इस्तेमाल करें।

स्वदेशी का संदेश पूरे क्षेत्र में फैला

सेंट जेवियर्स स्कूल के इस विशेष आयोजन ने न केवल विद्यालय के छात्रों में बल्कि स्थानीय समुदाय में भी स्वदेशी अपनाने की एक नई लहर पैदा की है। माता-पिता, अध्यापक, और कुम्हार इस प्रयास से उत्साहित हैं और इसे विद्यालय का एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं। उन्होंने विद्यालय के प्रयासों की सराहना की और इस पर्व पर देशभक्ति और सांस्कृतिक मूल्यों को अपनाने के इस अनूठे संदेश की तारीफ की।

मिट्टी के दीयों से रोशन होगी दीपावली

इस बार सेंट जेवियर्स स्कूल के विद्यार्थियों ने ठाना है कि वे अपने घरों में केवल स्वदेशी दीयों की रोशनी जलाएंगे। यह पहल न केवल एक त्योहार को विशेष बना रही है बल्कि स्वदेशी का संदेश देते हुए प्रधानमंत्री मोदी के सपने को हकीकत में बदलने की दिशा में एक छोटा पर महत्वपूर्ण कदम है।

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