काली घाटी पर वर्तमान एवं पूर्व विधायक में घमासान..
काली घाटी की छलनी छाती राहगीर परेशान.. हांफते वाहन कांपते चालक…
_____________________
मारवाड़ जंक्शन ( अजयसिंह तोमर): मारवाड़ ओर मेवाड़ को जोड़ती काली घाटी सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होने से वाहन चालकों की असहनीय पीड़ा से गुजरने को मजबूर हैं। कर्माल चोराहे से राजसमंद की सिमा तक सड़क का जो हाल है वो बयां नहीं किया जा सकता। इस सड़क मार्ग से सैकड़ों वाहनों की आवाजाही होती है। देवगढ़ से मारवाड़ जंक्शन,पाली की ओर आना हो तो यह मुख्य मार्ग है जो देवगढ़ ओर पाली को जोड़ता है। इस सड़क मार्ग में दो दुर्गम चढ़ाई है। पहली कर्माल चोराहा से करीब दो किलोमीटर दुरी तय करने के बाद शुरू होता है तो दुसरा भील बेरी वन विभाग कार्यालय से। दोनों ही दुर्गम चढ़ाई है।
दोनों ही दुर्गम चढ़ाइयों को पार करने में वाहन चालकों की छाती फुल जाती है। ना जाने कब जिंदगी पर बन आए। हालांकि पिछली सरकार के दोरान इस घाटी की चोड़ाई बढ़ाई गई थी,साथ ही सड़क निर्माण भी हुआ लेकिन अधिक माह नहीं टिक पाया सड़क टूट गई। आज यह आलम है की सड़क मिस्टर इंडिया बनकर रह गई है मौजूद हैं तो बड़े बड़े गड्ढे।
काली घाटी पर जमकर हुई सोशल मीडिया पर राजनीति
_________________________
काली घाटी सड़क मार्ग पर वर्तमान एवं पुर्व विधायक में जमकर हुई राजनीति। दोनों ने ही काली घाटी पर एक दुसरे पर आरोप लगाए।
पुर्व विधायक खुशवीर सिंह जोजावर ने कहा कि काली घाटी की चोड़ाई करण मैंने करवाया। सड़क का निर्माण करवाई लेकिन ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण से सड़क टूट गई।
वहीं विधायक केसाराम चोधरी ने पलटवार करते हुए बयां सामने आया कि चुनाव को देखते हुए पुर्व विधायक ने काम रूकवा दिया था।
काली घाटी पर एनओसी को लेकर अपने- अपने दावे ..
__________________
काली घाटी सड़क मार्ग पर पुर्व एवं वर्तमान विधायकों में वन विभाग एनओसी को लेकर दोनों में परस्पर जमकर बयान बाजी देखी गई। वर्तमान विधायक चौधरी ने कहा की वन विभाग की एनओसी मिल गई है , मुख्यमंत्री ने स्विकृति प्रदान करदी है शीघ्र ही टेंडर जारी होकर कार्य शुरू होगा।
वही पुर्व विधायक खुशवीर सिंह जोजावर ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा गया पत्र दिखाते हुए बताया की मैंने ही यह सड़क स्विकृत करवाई है।
टेंडर होने के बावजूद नहीं हो रहा कार्य शुरू
_____________________
दोनों पुर्व एवं वर्तमान विधायकों में काली घाटी को लेकर वाक घमासान चल ही रहा है। ख़बर यह भी आ रही है की टेंडर जारी हो चुके हैं लेकिन सरकारी फंड जमा नही होने से कार्य शुरू नहीं हो रहा है। कारण कुछ भी हो लेकिन जनता को राहत कब मिलेगी यह जनता को इंतजार है।
वाहन चालकों का कहना है –
रास्ता खराब है । मैं महीने में दो से तीन बार आता जाता हूं गाड़ी की हालत ऐसी हो जाती है कि सर्विस सेंटर में देनी होती है। सरकार में पर है काम हो नहीं रहा है आम जनता परेशान है- “हुकमनाथ”
प्रशासन को ध्यान देना चाहिए आम जन को काफी परेशानी हो रही है दस साल से यही हालात बने हुए हैं।