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संस्कृति मंत्रालय सदस्य – डॉ भरत शर्मा द्वारा पार्श्वगायक पद्मश्री कुमार सानु सम्मानित*

संस्कृति मंत्रालय सदस्य – डॉ भरत शर्मा द्वारा पार्श्वगायक पद्मश्री कुमार सानु सम्मानित*

इंदौर /जगदीश परमार
संस्कृति मंत्रालय सदस्य डॉ भरत शर्मा से चर्चा करते हुए मशहूर पार्श्वगायक पद्मश्री कुमार सानु उर्फ़ केदारनाथ भट्टाचार्य का अनछुआ मानवीय पहलू जानने का मौक़ा मिला जब उन्होंने बताया कि कलकत्ता में लगभग २५० गरीब और अनाथ बच्चों को मुफ़्त शिक्षा देने के लिए अनुदान देते है और आत्मनिर्भर होने के लिए प्रशिक्षण दिलाने का काम करके सुकून की अनुभूति लेते है । आप समाज को कुछ देने के प्रति अपने उदार और प्रगतिशील सोच से कार्य कर रहे है । आपने चर्चा में कहा की यदि शासन, प्रशासन उन्हें कोई भी सामाजिक या सांस्कृतिक उत्थान का दायित्व दे तो वो सहर्ष स्वीकार करेंगे। भारतीय राजनीति पर उनके विचार सकारात्मक और उन्नत भारत के प्रयास पर केंद्रित है। माननीय नरेंद्र मोदी जी के राजनीतिक और प्रशासनिक अमले पर गहरी पैठ की सराहना करते है। भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ कई विषय पर वो मुखर है । बॉलीवुड से जुड़े एक दिल्ली में उनके विधायक मित्र द्वारा चुनाव पर लिये जाने वाले खर्च पर उन्होंने उसे बच्चों के लिए स्कूल और स्वास्थ्य सेवा हेतु कैम्प लगाने की सलाह दी जिससे उनके मित्र और उनके वोटर दोनों को लाभ हुआ। आपका कहना है कि मुफ़्त सेवा यदि देना है तो शिक्षण और प्रशिक्षण, स्वास्थ्य की देना चाहिए उसने अभी भी काफ़ी गुंजाइश है ।
संगीत में आये बदलाव पर चिंता करते हुए आपने कहा कि अब संगीत की रचना और गीत के बोल बनाने पर पहले जैसी मेहनत नहीं होती। सुर और ताल तो ठीक होते है पर सुरीलापन नदारत हो गया है। आज के गीत-संगीत की आयु इसी कारण घट रही है। हाल में कुछ नवोदित गायक गायिकाओं ने यह साबित कर दिया कि वो बेहतर गाते है पर वैसे लेखन और धुन की कमी से उनकी प्रतिभाओं का निखार दिखायी नहीं दे रहा है।
ज्ञातव्य है कि उन्हें पहला ब्रेक ख्यात ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह जी ने दिया था और १९८९ में फ़िल्म जादूगर के लिए उन्होंने पहला गीत गया। सन् २००९ में आपको पद्मश्री से नवाज़ा गया।
उक्त अवसर पर डॉ भरत शर्मा ने कहा कि भारत के लिए बड़े गर्व का विषय है कि देश के गुणी और समृद्ध लोगो की यही विशेषता है कि वे भारतीय संस्कृति से आत्मसात् है और देश के उन्नयन के प्रति कृतसंकल्पित है । ऐसे महानुभाव का सम्मान देश की संस्कृति का सम्मान है। देश को विश्वगुरु बनाने का संकल्प ऐसे ही पुराधाओ से मूर्त रूप लेगा।

डॉ भरत शर्मा द्वारा एक दिन में २८ गाने रिकॉर्ड कर उनके वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स लंदन द्वारा सम्मानित भी किया गया। उक्त अवसर पर हिल्टन होटल के प्रबंधक श्री शैलेश मोरडेकर, श्री वसीम शेख, श्रीमती गीता शर्मा, युवा अधिवक्ता वंशिका शर्मा, सुश्री विशिष्ठा आदि मौजूद थे ।

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