*प्रशासन मौन: कालीबंगा पीलीबंगा में बेखौफ हैं खनन माफिया, धड़ल्ले से हो रहा मिट्टी का धंधा*
हनुमानगढ़। ✍️मदनलाल पण्डितांवाली।
*[जिले में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद दिन हो या रात बेखौफ खोद कर ले जा रहे घग्घर नदी से मिट्टी
खननमाफियाओं के हौसले दिनों दिन बढ़ रहे हैं। खनन विभाग मूकदर्शक बनकर यह सब देख रहा है।
जिले के ईंट भट्ठे के संचालको द्वारा घग्घर नदी से प्रतिदिन 700 से 800 ट्रक व ट्रॉली से मिट्टी जेसीबी मशीन से खुदाई कर मंगाई जा रही है। इस कार्य में 50 के करीब ट्रैक्टर-ट्रॉलियां व इतने ही डम्पर ट्रक लगे हुए हैं, जो दिनभर नदी से मिट्टी की अवैध ढुलाई कर रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि धड़ल्ले से चल रहे अवैध खनन की प्रशासन को खबर तक नहीं है। ऐसे में प्रशासन की भूमिका मिलिभगत सामने दिखाई दे रही है।
खनन माफिया द्वारा न तो जिला कलेक्टर के आदेशों की बल्कि राजस्थान सरकार के कम भजनलाल शर्मा के आदेशों की भी धज्जियां सरेआम उड़ाई जा रही है एक तरफ तो राजस्थान सरकार ने खनन माफिया पर लगाम लगाने के लिए इन पर ठोस कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हुए हैं लेकिन हनुमानगढ़ जिले में राजस्थान सरकार के आदेशों को हवा में उड़ा रखा है
मीडिया के माध्यम से एवं समाचार पत्रों के माध्यम से भी आवाज़ उठती रही है कि घग्गर नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके लेकिन पीलीबंगा शहर के निकटवर्ती कालीबंगा के पास घग्गर नदी में से लंबे समय से मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है लेकिन संबंधित विभाग ने आज तक इन खनन माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कि आखिर क्यों।]*
खनन माफिया पर लगाम लगाने के लिए राजस्थान सरकार के सीएम भजनलाल शर्मा ने खनन माफिया पर सक्त कार्रवाई करने के आदेश फरमाए हुए हैं लेकिन इन आदेशों को हवा में उड़ा खनन माफिया बैखौफ होकर घग्घर नदी से अवैध मिट्टी खनन कर रहे हैं। जिले में कुछ दिन पूर्व में घग्गर नदी से अवैध मिट्टी खनन रोकने के लिए जिला कलेक्टर ने एक बैठक आयोजित कर टीम गठित की थी ओर अब अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए बना कानून खनन माफियाओं के आगे दम तोड़ता साफ दिख रहा है। घग्गर नदी का सीना छलनी कर रहे इन माफियाओं पर सख्ती से रोक लगाने के लिए खनन विभाग के पास ऐसा कोई कानून नहीं है, जिसका भय दिखाकर इन पर सख्ती बरती जा सके। जिला प्रशासन अधिकारी के आदेशों के बावजूद भी घग्गर नदी से खनन माफिया बैखौफ होकर रात दिन मिट्टी निकाल रहे हैं। जिले के उपखंड क्षेत्र के घग्गर नदी किनारे लगभग आधा दर्जन गांवों में मिट्टी का अवैध उत्खनन और परिवहन धड़ल्ले से जारी है. मिट्टी माफिया बेखौफ होकर दिन-रात ‘हनुमानगढ़ की जीवन दायनी’ कही जाने वाले घग्गर नदी से बेहिसाब मिट्टी निकाल कर नदी के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं. पीलीबंगा से महज 3 से 4 किलोमीटर दूर गांव कालीबंगा, पीलीबंगा गाँव व कालीबंगा कैंची से रावतसर सड़क सहित घग्गर नदी के किनारे स्थित अनेक गांवों में मिट्टी का अवैध उत्खनन जारी है. लेकिन राजस्थान खनिज विभाग और स्थानीय प्रशासन की नजर इस पर नहीं जा रही.सूत्रों के अनुसार, इन जगहों पर राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. लगता है खनिज विभाग की टीम भी बेबस और लाचार नजर आ रही है. जब सूत्रों द्वारा अवैध मिट्टी खनन का जायजा लिया तो यहां माफिया पर नुकेल कसने के दावे बेअसर प्रतीत हुए। प्रशासनिक छत्र छाया का इतना असर जरूर है कि दिन में खनन कम होता है लेकिन रात को बदस्तूर जारी हो जाता है। लोग बताते हैं कि खनन माफिया की नेताओं से सांठगांठ व संरक्षण से इनके हौसले बुलंद हैं। अवैध खनन से छलनी हुई खड्डों के साथ लगती किसानों की उपजाऊ भूमि भूकटाव से बह रही है। कुछ क्षेत्रों में तो खनन माफिया ने किसानों की भूमि को भी निशाना बनाने में कोई कसर नहीं रखी है। और ये अवैध मिट्टी खनन कर यहा से ओवरलोडिंग ट्रेक्टर ट्राली, डम्पर, व ट्रकों में लोड होकर ईंट भट्टो पर सोने के भाव बैची जा रही। अब सवाल तो यही उठता है कि क्या❓ खनन माफियाओं पर संबंधित विभाग आखिर क्यों नहीं कार्रवाई करना चाहते हैं, क्या कही राजकोष को हानी पहुचा अधिकारी गुलाबी गुलदस्ते के चक्कर में तो नही है।