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संतोष आनंद जी के लिए

संतोष आनंद जी के लिए

अपने तकदीर से जोड़ी

जिसमें कितनी जिंदगानिंयां

शब्द बयान नहीं कर सकते

जज्बातों से लिखे तराने अमूल्य

हर लहू में धार है सुनकर

हर घर आंगन जुड़ जाते हैं

तेरी मेरी कहानी से हिंदुस्तान

तही दिल से करें स्वागत

पत्थर भी तर जाते हैं

किनारे भी सहारे होते

जिंदगी जीना सिखा देते

अभिनंदन है संतोष आनंद जी का हमारे।

 

अंजलि सक्सेना…. प्रबल

 

 नवी मुंबई …..महाराष्ट्र।

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