Site icon Bharat Times News

महोब्बत

महोब्बत

महोब्बत की गहराई में, एक दरिया है,

जिसमें मैं डूब जाताी हूँ, और तेरी यादें हैं, जो दिन रात मुझे सताती है!

तेरी आँखों में समा, तेरे दिल में बसी

महोब्बत की इस गहराई में, मैं खो जाती हूँ।

 

महोब्बत की पीड़ा में, एक आग है,

जो मेरे दिल को जलाती है, और तेरी यादें सताती हैं।

तेरे बिना जीवन, एक सूना सा घर है,

महोब्बत की ये पीड़ा, मुझे रुला देती है!

 

महोब्बत एक ऐसी रूहानी नदी है,

जिसमें मैं डूब जाती हूँ, और तेरी यादें,

मेरी रूह से रूह को मिलाती है!

महोब्बत की पीड़ा में, एक आग है,

जो मेरे दिल को जलाती है, और

तेरे पास होने का अहसास कराती है!

अंशु जैन

देहरादून

Exit mobile version