
पाकिस्तानी नागरिक की 5 महीने बाद हुई वतन वापसी
जोधपुर अरुण माथुर। पाकिस्तानी प्रेमी की आखिरकार करीब 5 महीने बाद वतन वापसी हुई। भारत-पाकिस्तान की बाखासर बॉर्डर (बाड़मेर) से युवक को शनिवार को पाकिस्तानी रेंजर्स को सौंपा गया। इससे पूर्व बाड़मेर पुलिस ने युवक का मेडिकल करवाकर उसे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सुपुर्द किया। बीएसएफ डीआईजी राज कुमार बस्साटा ने बताया कि दिल्ली बीएसएफ मुज़्यालय से परमिशन मिलने के बाद आज जग्सी कोली को बाखासर बॉर्डर से पाक रेंजर्स को सुपुर्द कर दिया गया। सभी जरूरी डॉज्यूमेंट की कार्रवाई पूरी की गई। उन्होंने बताया कि पूछताछ में युवक के किसी भी प्रकार की राष्ट्र विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं होने की जानकारी सामने आई थी। इस पर पुश बैक करने का प्रावधान है। 5 नवंबर को बाखासर पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था। जिसके बाद आज बाखासर पुलिस ने मेडिकल करवाकर उसे बीएसएफ सौंपा, जिसके बाद युवक को उसके स्वदेश पाकिस्तान भेज दिया गया। बता दें कि 24 अगस्त की रात करीब 12 बजे अंधेरे में जग्सी पैदल ही बॉर्डर के पास आ गया था। यहां से भारत-पाक सीमा के नवातला बॉर्डर की तारबंदी पार कर वह भारतीय सीमा (बाड़मेर) में पैदल ही दाखिल हुआ। यहां से वह बाड़मेर के सेड़वा थाना इलाके के गांव झड़पा पहुंच गया, जहां से स्थानीय लोगों और पुलिस ने पकड़कर उसे बीएसएफ को सौंप दिया था।लड़की ने बॉयफ्रेंड के साथ जाने से इनकार किया 25 अगस्त 2024 को पकड़े गए जग्सी कोली पाकिस्तान के थारपारकर जिले के गांव आकली खारोड़ा का रहने वाला है। यह गांव बॉर्डर से 35 किलोमीटर दूर है। थारपारकर जिले में ही नवातला बॉर्डर से 7 किमी दूर उसकी 17 साल की गर्लफ्रेंड का घर पाकिस्तान के थारपारकर के घोरामारी में है। जग्सी ने पूछताछ में बताया कि 2020 से ही दोनों में अफेयर चल रहा था। 24 अगस्त की रात जग्सी अपनी गर्लफ्रेंड के घर उससे मिलने गया था। जग्सी ने लड़की से कहा कि चलो भाग चलते हैं। इससे लड़की ने इनकार कर दिया था। इतने में लड़की के घरवालों को भनक लग गई। जग्सी वहां से भाग निकला। दिल टूटा तो सुसाइड की कोशिश की, लेकिन बच गया- पुलिस पूछताछ में जग्सी ने बताया कि गर्लफ्रेंड ने घर से भागने से इनकार किया तो दिल टूट गया। इस पर सुसाइड करने का निर्णय लिया। लड़की के घर से भागते समय उसकी चुत्री वह ले आया था। इसी चुन्नी को गले में बांध लिया और किसी पेड़ के डाल से लटककर सुसाइड करने की कोशिश की थी। सुसाइड से पहले ही वह डाल टूट गई और वह मरने से बच गया था। उसे आशंका थी कि लड़की के घरवाले पीछा कर रहे होंगे। उनसे बचने के लिए 24 अगस्त की रात करीब 12 बजे अंधेरे में जग्सी पैदल ही बॉर्डर के पास आ गया। यहां से भारत-पाक सीमा के नवातला बॉर्डर की तारबंदी पार कर वह भारतीय सीमा (बाड़मेर) में पैदल ही दाखिल हुआ। वह बाड़मेर के सेड़वा थाना इलाके के गांव झड़पा पहुंच गया था।