
एक गीत –
“शहीदों को श्रद्धांजलि”
नमन करूं, मैं नमन करूं,सौ सौ बार नमन करूं।
नमन करूं, मैं नमन करूं,सौ सौ बार नमन करूं।।
चरणों में नमन शहीदों के,जो देश को हुए समर्पित ।
बलिहारी उन वीरों पर,जो देश को थे हर पल अर्पित।।
मैं तस्वीर उनकी नयन धरूं। नमन करूं मैं नमन करूं,सौ सौ बार नमन करूं।।
भारत पर उनका बलिदान लिखूं,
इस तस्वीर पर उनका नाम लिखूं,
किस किस रूप में याद करूं।
नमन करूं, मैं नमन करूं,सौ सौ बार नमन करूं।।
उनके गांव को मैं उत्कर्ष लिखूं,
मात-पिता को, सहर्ष लिखूं,
उनके द्वार तिरंगा फहरा दूं।
नमन करूं, मैं नमन करूं,सौ सौ बार नमन करूं।।
भारत की जय जय बोल रहे,
फांसी के फंदे पर झूल रहे,
शहादत पर,सौ सौ बार मरूं।
नमन करूं, मैं नमन करूं,सौ सौ बार नमन करूं।।
वरिष्ठ साहित्यकार —
डॉ. अनीता चौधरी (मथुरा से)