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विश्व आयुर्वेद परिषद, एनआईए जयपुर एवं आयुर्वेद वि वि जोधपुर के संयुक्त तत्वा

*विश्व आयुर्वेद परिषद के राष्ट्रीय कार्यक्रम नेशनल आयुर्वेद यूथ कानक्लेव , संयोजनम 2024 का राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर में हुआ आगाज

*विश्व आयुर्वेद परिषद, एनआईए जयपुर एवं आयुर्वेद वि वि जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में होगा रहा है आयोजन।*

*देशभर के 3000 चिकित्सक, शिक्षक, शोधकर्ता एवं विद्यार्थी रहे उपस्थित

जयपुर/अलवर/ राजेश गुप्ता 

*कार्यक्रम मुख्य अतिथि माननीय ऊर्जा मंत्री राजस्थान सरकार हीरा लाल नागर, विशिष्ट अतिथि सांसद मंजू शर्मा , एनसीआईएसएम के चेयरमैन जयंत देव पुजारी, डॉ दिनेश जी पालक अधिकारी विश्व आयुर्वेद परिषद, डॉ अशोक वार्ष्णेय जी राष्ट्रीय संगठन मंत्री आरोग्य भारती, प्रोफेसर संजीव शर्मा कुलपति एन आई ए जयपुर, प्रोफेसर प्रदीप कुमार प्रजापति कुलपति आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर , डॉ आनंद कुमार शर्मा निदेशक आयुर्वेद विभाग राजस्थान, प्रोफेसर बनवारी लाल गौड़ पूर्व कुलपति जोधपुर आयुर्वेद विश्वविद्यालय , प्रोफेसर महेश व्यास जी संगठन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष , डॉ किशोरी लाल शर्मा प्रदेशाध्यक्ष विश्व आयुर्वेद परिषद राजस्थान, कार्यक्रम आयोजन सचिव डॉ सी आर यादव, तथा कार्यक्रम आयोजन अध्यक्ष डॉ गोविंद सहाय शुक्ला राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्व आयुर्वेद परिषद ने भगवान धन्वंतरि प्रतिमा समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का किया शुभारंभ।*

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ऊर्जा मंत्री राजस्थान सरकार माननीय हीरा लाल नागर ने कहा कि आयुर्वेद न केवल चिकित्सा विज्ञान बल्कि सम्पूर्ण जीवन विज्ञान है, जो सदियों से स्वस्थ दीर्घायु जीवन का मार्ग प्रशस्त करता है। आयुर्वेद पूर्ण प्रामाणिक, सुलभ, दुष्प्रभाव रहित चिकित्सा पद्धति है। सम्पूर्ण विश्व आज आयुर्वेद की ओर आकर्षित हो रहा है।l

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि माननीय सांसद मंजू शर्मा जी ने कहा कि देश के स्वास्थ में आयुर्वेद की महत्ती भूमिका है। आयुर्वेद त्रिदोष एवं नाड़ी विज्ञान पर आधारित प्राचीन, प्रामाणिक, सस्ती, दुष्प्रभाव रहित सटीक चिकित्सा विज्ञान है। आयुर्वेद स्वास्थ्य सरंक्षण से लेकर शारीरिक एवं मानसिक रोगों के उपचार में, संचारी ओर गैर संचारी रोगों की चिकित्सा में प्रभावी और उपयोगी सिद्ध हो रहा है, कोविड काल में आयुर्वेद की उपयोगिता और महत्व पूरी दुनिया ने देखा, इसलिए आज भारत ही नहीं विश्व भर के लोग भारतीय चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद की ओर आकर्षित हो रहे है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्व आयुर्वेद परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ गोविंद सहाय शुक्ला ने सभी अतिथियों, सहभागियों , सहयोगियों ओर मीडिया के सभी बंधुओ का उनकी उपस्थिति और सहयोग के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के पश्चात प्रथम प्लेनरी सेशन में राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग नई दिल्ली के अध्यक्ष वैद्य जयंतदेव पुजारी ने आयुर्वेद चिकित्सा एवं आयुर्वेद चिकित्सको की भूमिका विषय पर ,डॉ नीतिका कोहली निदेशक एमिल हेल्थ केयर न्यू देहली ने विटिलीगो पर, डॉ पंकज प्रदीप तिवाड़ी ने कॉस्मेटिक अग्निकर्म विषय पर एवं डॉ नीता काला ने विद्धकर्म चिकित्सा पर अपना व्याख्यान देकर कर्माभ्यस कराया।

कार्यक्रमों की श्रृंखला में तीन दिन विविध चिकित्सा विषयों पर वैज्ञानिक शोध पत्र प्रजेंटेशन किया जाएगा। पोषणम, कर्माभ्यासम, उद्बोधनम, गतिविधिम , क्रीडनम इत्यादि विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पोषण के अंतर्गत आयुर्वेद आहार का संतर्पण जन्य व्याधियों जैसे मोटापा, डायबिटीज, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर्स आदि में उपयोगिता, कर्माभ्यास के अंतर्गत आयुर्वेद में वर्णित प्रायोगिक कर्मों की क्रियाविधि जैसे शिरो बस्ती, शिरोधारा, नाडी परीक्षा, मर्म चिकित्सा , अग्निकर्म, नस्य कर्म, प्रकृति परीक्षण ,जलौकावचारण आदि का अभ्यास करवाया जाएगा

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