बलिया की शासकीय प्राथमिक विद्यालयों की अल्प सेवा में बड़ी उपलब्धि: अंजलि तोमर की सफलता की कहानी बनी प्रेरणा
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शीतल निर्भीक/रंजना वर्मा ब्यूरो
लखनऊ।उत्तर प्रदेश जनपद बलिया के प्राथमिक विद्यालय अलावलपुर में कार्यरत सहायक अध्यापिका अंजलि तोमर ने अपनी मेहनत और समर्पण से एक खास पहचान बनाई है। उनकी इस प्रेरणादायक सफलता की कहानी का उल्लेख “शिक्षक रत्न सम्मान” नामक पुस्तक में हुआ है, जो वैदिक प्रकाशन नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित की गई है। इस पुस्तक के प्रधान संपादक मिथिलेश कुमार सिंह ने देशभर के शिक्षकों की उपलब्धियों का संग्रह कर इसे एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया, जिसमें अंजलि की कहानी को भी शामिल किया गया है।
अंजलि तोमर की सफलता ने बेसिक शिक्षा परिवार को गौरवान्वित किया है। बलिया से उनका चयन इस पुस्तक में होना उनके कार्य के प्रति उनके गहरे समर्पण का प्रतीक है। अंजलि ने अपने अल्पकालिक सेवा में ही छात्रों के प्रति अपनी जिम्मेदारी और शिक्षा के प्रति समर्पण से विशेष पहचान अर्जित की है।
उन्होंने अपने कार्य में न सिर्फ शिक्षण की परंपरागत विधियों को अपनाया बल्कि नए-नए तरीकों से बच्चों की शिक्षा को रुचिकर और प्रभावी बनाया। उनका मानना है कि शिक्षा सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों को जीवन की महत्वपूर्ण सीख देने का एक माध्यम भी है। उनके इस दृष्टिकोण ने उन्हें विद्यालय में एक आदर्श शिक्षिका बना दिया है।
अंजलि तोमर का यह सम्मान जनक चयन उनके कठिन परिश्रम और समर्पण का प्रतिफल है। उनके सहयोगी शिक्षकों और विद्यार्थियों के अनुसार, अंजलि हमेशा बच्चों की शिक्षा के लिए नये तरीकों की खोज में रहती हैं और हर बच्चे के विकास पर विशेष ध्यान देती हैं। इस उपलब्धि ने उन्हें बेसिक शिक्षा क्षेत्र में एक आदर्श और प्रेरणादायक व्यक्तित्व बना दिया है।
इस सम्मान से उत्तर प्रदेश के शासकीय प्राथमिक विद्यालयों में पूर्वांचल सहित बलिया जिले और
सम्मान दर सम्मान पाने के बाद अंजलि का उत्साह भी और बढ़ गया है। उनका मानना है कि हर शिक्षक अगर पूरे समर्पण से अपने कार्य में जुट जाए, तो शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए जा सकते हैं।