
बलिया की अनमोल धरोहर अंजली तोमर: शिक्षा क्षेत्र में अद्वितीय योगदान की मिसाल!
बार-बार सम्मानित होकर शिक्षा और महिला सशक्तिकरण में रच रहीं नया इतिहास
♦️ भारत टाइम्स न्यूज ♦️
शीतल निर्भीक/रितु वर्मा, डिजिटल एडिटर
लखनऊ। बलिया की बागी धरती से सदैव संघर्ष और प्रेरणा की कहानियाँ सामने आई हैं। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अंजली तोमर का नाम शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नया इतिहास रच रहा है। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के अलावलपुर शासकीय प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका अंजली तोमर आज शिक्षा के क्षेत्र में एक आदर्श बन चुकी हैं। नवीन शिक्षण पद्धतियों और समर्पण के चलते वह बार-बार सम्मानित हो रही हैं। हाल ही में मिशन शक्ति 5 के तहत उन्हें जिलाधिकारी बलिया, मुख्य विकास अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और जिला प्रोबेशनरी अधिकारी द्वारा सम्मानित किया गया, जो उनके शिक्षा के प्रति अद्वितीय योगदान और महिला सशक्तिकरण के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
बलिया के शिक्षा जगत में नए आयाम
अंजली का सफर शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर नए आयाम छू रहा है। वह सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वास से परिपूर्ण बनाने पर ध्यान देती हैं। उनके अनूठे शिक्षण तरीकों से छात्रों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है और वे हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण की बुलंद आवाज
मिशन शक्ति 5 के मंच से अंजली ने अपने सशक्त भाषण में महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया। उनका मानना है कि शिक्षा ही वह साधन है जो महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बना सकता है। उनका यह दृष्टिकोण उनके शिक्षण कार्यों और सामाजिक गतिविधियों में स्पष्ट दिखाई देता है।
लगातार मिल रहे सम्मानों से बढ़ी जिम्मेदारियां
अंजली को शासन-प्रशासन द्वारा लगातार सम्मानित किया जा रहा है, जो उनके लिए एक नई जिम्मेदारी का प्रतीक है। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर जिलाधिकारी बलिया द्वारा सम्मानित होने के बाद, 7 सितंबर को डायट प्राचार्य पकवाइनार बलिया, 15 सितंबर को सेवा द्वारा, 5 अक्टूबर को सांसद बागपत और 10 अक्टूबर को जिलाधिकारी बलिया, मुख्य विकास अधिकारी और पुलिस अधीक्षक के हाथों सम्मानित हुईं। इन सम्मानों को वह अपने निष्ठा और समर्पण को और मजबूत करने का अवसर मानती हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल
अंजली ने अपने विद्यालय में कई ऐसी पहल शुरू की हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में क्रांतिकारी सुधार हुआ है। उनके विद्यार्थी सिर्फ शैक्षणिक रूप से ही नहीं, बल्कि जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए भी तैयार हो रहे हैं। उनका यह मानना है कि एक शिक्षक का कर्तव्य केवल किताबी ज्ञान देना नहीं, बल्कि छात्रों को जीवन के हर क्षेत्र में सक्षम बनाना भी है।
शासन की ओर से मिली सराहना
शासन के उच्च अधिकारियों ने अंजली तोमर के समर्पण की प्रशंसा की है। उनके प्रयासों से बलिया में शिक्षा के स्तर में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। उनके काम ने शिक्षा को सिर्फ एक माध्यम नहीं, बल्कि समाज सुधार का एक सशक्त उपकरण बना दिया है।
शिक्षा में परिवर्तन की अग्रदूत
अंजली तोमर ने यह सिद्ध किया है कि यदि संकल्प और निष्ठा अडिग हो, तो शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है। उनके प्रयासों से बलिया को गर्व महसूस हुआ है, और वह जिले की एक अमूल्य धरोहर बन गई हैं।